गुण मिलन
गुण :
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गुण मिलान गर्दा हेर्नुपर्ने
- केटा र केटीको नक्षत्र मिलेको अंक १८ भन्दा कम भएमा जुर्दैन ।
 - २० गुणसम्म मध्यम, २० देखि ३० गुणसम्म उत्तम र ३० देखि ३६ सम्म अति उत्तम हुन्छ ।
 - परस्पर राशिबाट द्विद्वदिश, षडष्टक, नवपञ्चक नपरेमा १६ गुण नाघे विवाह शुभ हुन्छ ।
 - एउटै राशि नक्षत्रको पाउ बेग्लै भएमा नाडी गणको दोष लाग्दैन, विवाह गरे शुभ हुन्छ ।
 
अथावकहडाचक्रसहितं वरवधूमेलापकचक्रम्
| चरणागतः नामाक्षरः | नक्षत्र / राशी | राशी स्वामी | वर्णः | वश्यः | योनिः | वै.यो. | गणः | नाडी | आसनम् | |
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| चुचेचोला | अ/मे | भौमः | क्षत्रिः | चतुष्पः | अश्वः | महिषः | देवः | आद्यः | अश्वः | |
| लीलुलेलो | भ/मे | भौमः | क्षत्रिः | चतुष्पः | गजः | सिंह | नरः | मध्यः | प्रेतः | |
| अइउए | कृ.१/मेकृ.३/वृ | भौमः१/ शुक्रः३ | क्षत्रिः१/ वैश्यः३ | चतुष्पः | अजः | वानरः | राक्षसः | अन्त्यः | अग्निकुं. | |
| ओवावीवू | रो/वृ | शुक्रः | वैश्यः | चतुष्पः | सर्पः | नकुलः | नरः | अन्त्यः | गौः | |
| वेवोकाकि | मृ.२/वृ. मृ.२/मि. | शुक्रः२बुधः२ | वैश्यः२शुद्रः२ | चतु.२द्विप.२ | सर्पः | नकुलः | देवः | मध्यः | मृगः | |
| कुघङछ | आ./मि. | बुधः | शुद्रः | द्विपदः | श्वानः | मृगः | नरः | आद्यः | सर्पः | |
| केकोहाही | पु.३/मि. पु.१/क. | बुधः३ चन्द्रः१ | शुद्रः३ विप्रः१ | द्विप.३ जलः१ | मार्जरः | मूषकः | देवः | आद्यः | कमलः | |
| हुहेहोडा | ति./क. | चन्द्रः | विप्रः | जलः | मेषः | वानरः | देवः | मध्यः | कलशः | |
| डिडुडेडो | अ./क. | चन्द्रः | विप्रः | जलः | मार्जरः | मूषकः | राक्षसः | अन्त्यः | काकः | |
| मामिमूमे | म./सि. | सूर्यः | क्षत्रिः | चतुष्पः | मूषकः | मार्जरः | राक्षसः | अन्त्यः | महिषः | |
| मोटाटीटु | पू./सिं. | सूर्यः | क्षत्रिः | चतुष्पः | मूषकः | मार्जरः | नरः | मध्यः | शिलाः | |
| टेटोपापी | उ.१/सिं. | सूर्यः१ बुधः३ | क्षत्रिः१/ वैश्यः३ | चतु.१ द्विप.३ | गौः | व्याघ्रः | नरः | आद्यः | शिलाः | |
| पुषणठ | ह.क. | बुधः | वैश्यः | द्विपदः | महिषः | अश्वः | देवः | आद्यः | गजः | |
| पेपोरारी | चि.२ क. चि.२ तु. | बुधः२ शुक्रः२ | वैश्यः२ शुद्रः२ | द्विपदः | व्याघ्रः | गौः | राक्षसः | मध्यः | मयूरः | |
| रुरेरोता | स्वा.तु. | शुक्रः | शुद्रः | द्विपदः | महिषः | अश्वः | देवः | अन्त्यः | दोलः | |
| तीतूतेतो | वि.३ तु. वि.१ वृ | शुक्रः३ भौमः१ | शुद्रः३ विप्रः१ | द्विप.३ कीटः१ | व्याघ्रः | गौः | राक्षसः | अन्त्यः | अजः | |
| नानीनूने | अनु.वृ. | भौमः | विप्रः | कीटः | मृगः | श्वानः | देवः | मध्यः | हंस | |
| नोयायियू | ज्ये.वृ. | भौमः | विप्रः | कीटः | मृगः | श्वानः | राक्षसः | आद्यः | कच्छपः | |
| येयोभाभी | मू.ध. | गुरुः | क्षत्रिः | मनुः | श्वानः | मृगः | राक्षसः | आद्यः | मूलः | |
| भूधफाढ | पू.ध. | गुरुः | क्षत्रिः | मनुः | वानरः | मेषः | नरः | मध्यः | शयनम् | |
| भेभोजाजी | उ.१ ध. उ.३ म. | गुरुः१ शनिः३ | क्षत्रिः१/ वैश्यः३ | मनुः१ चतुः३ | नकुलः | सर्पः | नरः | अन्त्यः | शयनम् | |
| खीखूखेखो | श्र.म. | शनिः | वैश्यः | चतुष्पः | वानरः | मेषः | देवः | अन्त्यः | नरः | |
| गागीगूगे | ध.२ म. ध.२ कु. | शनिः | वैश्यः२ शुद्रः२ | चतु.२ | द्विप.२ सिंहः | गजः | राक्षसः | मध्यः | आढकः | |
| गोसासीसु | श. कुं. | शनिः | शुद्रः | द्विपदः | अश्वः | महिषः | राक्षसः | आद्यः | वृषः | |
| सेसोदादी | पू.३ कुं पू.१ मी | शनिः३ गुरुः१ | शुद्रः३ विप्रः१ | द्विपः३ जलः१ | सिंह | गजः | नरः | आद्यः | भद्रपीठं | |
| दूथझञ | उ.मी. | गुरुः | विप्रः | जलः | गौः | व्याघ्रः | नरः | मध्यः | भद्रपीठं | |
| देदोचाची | रे.मी. | गुरुः | विप्रः | जलः | गजः | सिंहः | देवः | अन्त्यः | चक्रम् | |
| नोटः जुजेजोख अभिजित मकर राशिः नामाक्षर ङ ञ ण ग ज ड राख्नुपर्छ । | वर्णः | अच् | कु. | चु. | टु. | तु. | पु. | यण् | शल् | गरुडाडिवर्ग | 
| कूटम् | गरुडः | मार्जारः | सिंहः | श्वानः | सर्पः | मूषकः | मृगः | मेषः | ||
| वैरकूटं | सर्पः | मूषकः | मृगः | मेषः | गरुडः | मार्जारः | सिंहः | श्वानः | ||