शिव स्तोत्र

लिङ्गाष्टोत्तरशतनामावलिः

लिङ्गाष्टोत्तरशतनामावलिः
॥ श्री लिङ्गेभ्यो नमः ॥
लिङ्ग ध्यानम्

लिङ्गमूर्तिं शिवं स्तुत्व गायत्र्य योगमाप्तवान् ।
निर्वाणं परमं ब्रह्म वशिष्ठोन्यश्च शङ्करात् ॥

अथ लिङ्गाष्टोत्तरशतनामावलिः ।

ॐ लिङ्गमूर्तये नमः
ॐ शिवलिङ्गाय नमः
ॐ अद्भुतलिङ्गाय नमः
ॐ अनुगतलिङ्गाय नमः
ॐ अव्यक्तलिङ्गाय नमः
ॐ अर्थलिङ्गाय नमः
ॐ अच्युतलिङ्गाय नमः
ॐ अनन्तलिङ्गाय नमः
ॐ अनेकलिङ्गाय नमः (१०)
ॐ अनेकस्वरूपलिङ्गाय नमः
ॐ अनादिलिङ्गाय नमः
ॐ आदिलिङ्गाय नमः
ॐ आनन्दलिङ्गाय नमः
ॐ आत्मानन्दलिङ्गाय नमः
ॐ अर्जितपापविनाशलिङ्गाय नमः
ॐ आश्रितरक्षकलिङ्गाय नमः
ॐ इन्दुलिङ्गाय नमः
ॐ इन्द्रियलिङ्गाय नमः
ॐ इन्द्रादिप्रियलिङ्गाय नमः (२०)
ॐ ईश्वरलिङ्गाय नमः
ॐ ऊर्जितलिङ्गाय नमः
ॐ ऋग्वेदश्रुति लिङ्गाय
ॐ एकलिङ्गाय नमः
ॐ ऐश्वर्यलिङ्गाय नमः
ॐ ॐकारलिङ्गाय नमः
ॐ ह्रीन्कारलिङ्गाय नमः
ॐ कनकलिङ्गाय नमः
ॐ वेदलिङ्गाय नमः
ॐ परमलिङ्गाय नमः (३०)
ॐ व्योमलिङ्गाय नमः
ॐ सहस्रलिङ्गाय नमः
ॐ अमृतलिङ्गाय नमः
ॐ वह्निलिङ्गाय नमः
ॐ पुराणलिङ्गाय नमः
ॐ श्रुतिलिङ्गाय नमः
ॐ पाताललिङ्गाय नमः
ॐ ब्रह्मलिङ्गाय नमः
ॐ रहस्यलिङ्गाय नमः
ॐ सप्तद्वीपोर्ध्वलिङ्गाय नमः
ॐ नागलिङ्गाय नमः (४०)
ॐ तेजोलिङ्गाय नमः
ॐ ऊर्ध्वलिङ्गाय नमः
ॐ अथर्वलिङ्गाय नमः
ॐ सामलिङ्गाय नमः
ॐ यज्ञाङ्गलिङ्गाय नमः
ॐ यज्ञलिङ्गाय नमः
ॐ तत्वलिङ्गाय नमः
ॐ देवलिङ्गाय नमः
ॐ विग्रहलिङ्गाय नमः
ॐ भावलिङ्गाय नमः (५०)
ॐ रजोलिङ्गाय नमः
ॐ सत्वलिङ्गाय नमः
ॐ स्वर्ण लिङ्गाय
ॐ स्फटिकलिङ्गाय नमः
ॐ भवलिङ्गाय नमः
ॐ त्रैगुण्यलिङ्गाय नमः
ॐ मन्त्रलिङ्गाय नमः
ॐ पुरुषलिङ्गाय नमः
ॐ सर्वात्मलिङ्गाय नमः
ॐ सर्वलोकाङ्गलिङ्गाय नमः (६०)
ॐ बुद्धिलिङ्गाय नमः
ॐ अहङ्कारलिङ्गाय नमः
ॐ भूतलिङ्गाय नमः
ॐ महेश्वरलिङ्गाय नमः
ॐ सुन्दरलिङ्गाय नमः
ॐ सुरेश्वरलिङ्गाय नमः
ॐ सुरेशलिङ्गाय नमः
ॐ महेशलिङ्गाय नमः
ॐ शङ्करलिङ्गाय नमः
ॐ दानवनाशलिङ्गाय नमः (७०)
ॐ रविचन्द्रलिङ्गाय नमः
ॐ रूपलिङ्गाय नमः
ॐ प्रपञ्चलिङ्गाय नमः
ॐ विलक्षणलिङ्गाय नमः
ॐ तापनिवारणलिङ्गाय नमः
ॐ स्वरूपलिङ्गाय नमः
ॐ सर्वलिङ्गाय नमः
ॐ प्रियलिङ्गाय नमः
ॐ रामलिङ्गाय नमः
ॐ मूर्तिलिङ्गाय नमः (८०)
ॐ महोन्नतलिङ्गाय नमः
ॐ वेदान्तलिङ्गाय नमः
ॐ विश्वेश्वरलिङ्गाय नमः
ॐ योगिलिङ्गाय नमः
ॐ हृदयलिङ्गाय नमः
ॐ चिन्मयलिङ्गाय नमः
ॐ चिद्घनलिङ्गाय नमः
ॐ महादेवलिङ्गाय नमः
ॐ लङ्कापुरलिङ्गाय नमः
ॐ ललितलिङ्गाय नमः (९०)
ॐ चिदम्बरलिङ्गाय नमः
ॐ नारदसेवितलिङ्गाय नमः
ॐ कमललिङ्गाय नमः
ॐ कैलाशलिङ्गाय नमः
ॐ करुणारसलिङ्गाय नमः
ॐ शान्तलिङ्गाय नमः
ॐ गिरिलिङ्गाय नमः
ॐ वल्लभलिङ्गाय नमः
ॐ शङ्करात्मजलिङ्गाय नमः
ॐ सर्वजनपूजितलिङ्गाय नमः (१००)
ॐ सर्वपातकनाशनलिङ्गाय नमः
ॐ गौरिलिङ्गाय नमः
ॐ वेदस्वरूपलिङ्गाय नमः
ॐ सकलजनप्रियलिङ्गाय नमः
ॐ सकलजगद्रक्षकलिङ्गाय नमः
ॐ इष्टकाम्यार्थफलसिद्धिलिङ्गाय नमः
ॐ शोभितलिङ्गाय नमः
ॐ मङ्गललिङ्गाय नमः (१०८)
इति लिङ्गाष्टोत्तर शत नामावलि समाप्तः